मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में गृह विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बैठक में बस्तर संभाग और राजनांदगांव जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के विरूद्ध विचाराधीन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए इनके निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। 

बैठक में बताया गया कि बस्तर संभाग के 7 जिलों तथा राजनांदगांव जिले में 494 प्रकरणों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विचाराधीन लोगों की कुल संख्या 869 हैं। जिला स्तरीय समिति द्वारा इनमें से 722 लोगों के विरूद्ध विचाराधीन प्रकरणों को वापस लिए लाने की अनुशंसा गृह विभाग से की गई है। 

मुख्यमंत्री बघेल ने समिति द्वारा अनुशंसित प्रकरणों का तत्परता से निराकरण करने तथा शेष मामलों को संवेदनशीलता के साथ निराकृत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि जिला स्तरीय समिति द्वारा बस्तर जिले के 39,दंतेवाड़ा के 41,कांकेर के 9,बीजापुर के 142,नारायणपुर के 28,कोण्डागांव के 34,सुकमा के 413 तथा राजनांदगांव जिले के 16 लोगों के प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा की गई है। 

बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू,अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू,पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी,पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) अशोक जुनेजा,मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी,बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी. सुन्दर राज,संचालक लोक अभियोजन प्रदीप गुप्ता सहित गृह विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।