मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से 8वें छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय के सभागार में आयोजित गोष्ठी का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अवसर पर भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा के प्रचार - प्रसार,साहित्य सृजन और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदेश की 09 विभूतियों को सम्मानित किया। 

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू,स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम,महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया,वनमंत्री मोहम्मद अकबर,लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रुद्र गुरू,संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, संस्कृति विभाग के सचिव अंबलगन पी.संचालक अमृत विकास तोपनो इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ी में सम्बोधित करते हुए कहा कि नई सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ी राजभाषा,छत्तीसगढ़ी तीज - त्यौहारों का महत्व और अधिक बढ़ गया है। राज्य सरकार ने हरेली,तीजा - पोरा,करमा जयंती,विश्व आदिवासी दिवस की छुट्टी घोषित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय सभागार में राजभाषा दिवस पर आयोजित गोष्ठी में बहिनीमन छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में आई हैं। 

पहले छत्तीसगढ़ी में बोलने में संकोच करते थे,अब जब छत्तीसगढ़ी लोग मिलते हैं,तो अपनी भाषा छत्तीसगढ़ी में गर्व से बात करते हैं। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ी,हिंदी,अवधी और बृज भाषाएं समकालीन हैं,लेकिन अन्य भाषाओं में छत्तीसगढ़ी भाषा की तुलना में ज्यादा साहित्य सर्जन का काम हुआ है। छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास और छत्तीसगढ़ी भाषा में साहित्य सृजन की काफी आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोंडी,हल्बी,कुड़ुख,सरगुजिया जैसी भाषाओं में भी बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री बघेल इस अवसर पर जिन छत्तीसगढ़ी राजभाषा सेवियों को सम्मानित किया,उनमें नंदकिशोर शुक्ला बिलासपुर,वैभव पाण्डेय बेमेतरिहा,रायपुर,डॉ. चितरंजन कर रायपुर,डॉ.परदेशीराम वर्मा भिलाई,रामेश्वर वैष्णव रायपुर,संजीव तिवारी दुर्ग अधिवक्ता,डॉ.राजन यादव खैरागढ़, देवेश तिवारी रायपुर और सुधा वर्मा रायपुर शामिल हैं।