किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को भारत बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं की अनुमति होगी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हाल ही में लागू खेती से जुड़े कानूनों के खिलाफ बंद के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार को नए कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांगों को स्वीकार करना होगा। 

आंदोलनकारी किसानों ने ऐलान किया है कि भारत बंद के दौरान सुबह 11 बजे से अपराह्न 3 बजे के बीच वे टोल प्लाजाओं को बंद कर देंगे। भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने किसानों से शांति बनाकर रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं झगड़ने की अपील की। राजेवाल ने कहा कि मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा। हम नए कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे।

कृषि कानूनों में संशोधन की केंद्र की पेशकश का उल्लेख करते हुए एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि सरकार कानूनों में बदलाव करने के लिए क्यों राजी हो रही है,जबकि शुरुआत में उसने दावा किया था कि यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा। दर्शन पाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार पुराने कृषि कानूनों को फिर से बहाल करे,भले ही वह सोचती है कि यह किसानों के लिए फायदेमंद नहीं है। पाल ने कहा कि भारत बंद हमारा शांतिपूर्ण आह्वान है,सबसे अपील है कि इसे ज़ोर - ज़बरदस्ती से न करें। 

राजनीतिक दलों ने जो हमारा समर्थन किया है उसके लिए उनका धन्यवाद। उनसे अपील है कि जब किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आएं तो अपना झंडा घर छोड़कर आएं। सिंघु बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा - जैसा पब्लिक सपोर्ट मिल रहा है चार घंटों के संपूर्ण बंद में सफलता की उम्मीद है। आम जनता ड्यूटी के लिए 10 बजे से पहले ऑफिस जा सकती है। जो जहां संभव हो वहां बंद करे,लोग अपना गांव अपनी सड़क के तहत NH पर बैठें। दुकानदार लंच के बाद दुकानें खोलें।