हम यहां से तब तक नहीं जाएंगे जब तक एमएसपी को नहीं दिया जाएगा। किसान नेताओं की मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि हमने मांग की थी कि एमएसपी पर कानून बनाओ लेकिन सरकार ने नहीं बनाया। जबकि,पूरे देश का किसान यही चाहता है। इस सरकार के कार्यकाल में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट भी लागू नहीं हुई। टिकैत ने कहा कि यदि सरकार 80 फीसदी बदलाव करने को राजी है तो समझा जा सकता है कि ये कानून कितने खराब होंगे। उन्होंने सरकार के सभी मंत्रियों से अपील की कि एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लें।
इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार लगातार किसानों से चर्चा के लिए तैयार थी। लेकिन इसी बीच 26 और 27 नवंबर को किसानों ने आंदोलन की घोषणा कर दी। इसके बाद से बातचीत का दौर चला,जल्द ही कोई न कोई हल जरूर निकलेगा। तोमर ने कहा कि किसानों ने कानून हटाने की बात की थी लेकिन हमने जिन बिंदुओं पर परेशानी है,उस पर प्रस्ताव बनाकर भेजे। किसान की आमदनी 2022 तक दोगुनी हो,इसके लिए पीएम मोदी की अगुवाई में काम हुआ है।
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