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चमत्कार दो सौ वर्ष पुराने मंदिर में जाने को तैयार नहीं भगवान की प्रतिमा

अदभुत स्वरूप के हनुमान जी क्या आपने कभी सुना है जिस भगवान के लिए बकायदा मंदिर का निर्माण कराया गया हो और वो भगवान मंदिर में स्थापित न किये गये हों, लेकिन ऐसा सचमुच हुआ हैं। रामपूर बाघेलान क्षेत्र अंतर्गत स्थित संड गांव में जहां२०० वर्ष पूर्व भगवान हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए राजाओं ने मंदिर तो बनवा दिया, लेकिन आज तक इस मंदिर मेंभगवान हनुमान की अदभूत प्रतिमा की स्थापना नहीं हो सकी।


२०० वर्ष पूर्व झंड गांव स्थित तालाब के पास खुदाई करने से भगवान हनुमान जी की अदभुत प्रतिमा निकली थीए इसी प्रतिमा को स्थापित करने के लिए रीवा महाराजा ने मंदिर निर्माण कराया तथा मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए लाख प्रयास किये गये,लेकिन हनुमान जी है कि मंदिर में जाने को तैयार नहीं हैं। जिसके चलते अब ये मंदिर दिन - प्रतिदिन बदहालीका शिकार होता जा रहा हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां के ग्रामीणों ने भी कई बार प्रयास किया कि हनुमान जी प्रतिमा कोमंदिर में स्थापित कर दिया जाए, लेकिन जैसे ही वह तैयारी करते हैं।तभी व्यवधान उत्पत्र हो जाता हैं। इतना ही नहीं बल्कि ग्रामीणोंका मानना है के ये प्रमिता बेहद चमत्कारिक प्रतिमा हैं। इस बात की गवाही दे रही हैं। इस प्रतिमा का अदभुत स्वरूप, जो शायद आप ने कभी नहीं देखा होगा।




प्रशासन ने की तालाब की उपेक्षा - झंड गांव स्थित इस अदभुत तालाब की ओर प्रशासन ने आज तक ध्यान नहीं दिया, जिसके कारणइन दिनों तालाब किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं। ग्रामीणों ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा तालाब का जीर्णोंद्वारा करा दिया जाये तो तालाब की तस्वीर बदल सकती हैं।
दूर - दूर से आते है दर्शनार्थी - भगवान हनुमान जी की अनूठी प्रतिमा को देखने के लिए यहां दूर - दूर से दर्शनार्थी आते है, जहां उन्हें मनमांगी मुरादें मिलती हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां आने वाले श्रद्वालु जब इस अनूठी प्रतिमा को देखते है तो वो भौचके रह जाते हैं। वह बताया कि हनुमान जी की अनूठी प्रतिमा के पास दर्शनार्थी को छाया की द्वष्टि से श्रद्वालुओं के सहयोग से एक छोटे मंदिर का निर्माण किया गया हैं।




दो सौ वर्ष से नहीं सूख तालाब - तालाब के पास हनुमान जी स्थापना के बाद आज तक यह जालाब नहीं सूखा।गांव के बुजुर्ग बतातेहैं कि गांव में भले ही कितनी भी भीषण जल संकट रहा हो, लेकिन पिछले कई वर्षों से हनुमान जी की कृपा से आज तक यह तालाबनहीं सूखा। इस तालाब में हमेशा पानी पर्याप्त रहता है और यहीं तालाब ग्रामीण वासियों के लिए गर्मी के दिनों में सहारा बनता हैं।




क्या है प्रतिमा की विशेषता - इस प्रमिता की विशेषता यह है कि हनुमान जी कमर में कटार लिये हुए हैं और दायें हाथ में बज्र तथा बायें हाथ से कलयुग को सैल्यूट करते नजर आ रहे हैं। तो वहीं पांव के नीचे सांड को दाबे हुए हैं। ऐसी अदभुत स्वरूप वाले हनुमान जी की प्रतिमा शायद ही कहीं दिखती हो। यहां तक कि मंदिर के पुजारी का मानना है भगवान हनुमान जीकी ऐसी अदभुत मूर्ति कहीं नहीं हैं।

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4 Comments

  1. प्रभु की माया,प्रभु ही जाने........

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  2. bahut badhiya rochak janakari di hai apne . dhanyawad.

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  3. अदभुत है यह जानकारी ...

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  4. अचंभित करनेवाली जानकारी है यह तो...

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