मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव के बाद बदली हुई भूमिका में नजर आएंगे। जन आंदोलन के कार्यकर्ता की तरह अब वो राज्य के कोने कोने में पहुंचकर लोगों के बीच उनकी समस्याओं को उन्हीं के जरिए दूर करने का मंत्र फूंकेगे। श्री शिवराज सिंह चौहान ने यूनीवार्ता से चर्चा में कहा कि उन्होंने महसूस किया है कि राजनीति जन आंदोलन का ही पर्याय हैं। उन्होंने कहा कि मैंने लोगों के बीच पहुंचकर उनसे चर्चा के दौरान महसूस किया कि विभित्र मुद्दों पर उनकी रूढीवादी या पारंपरिक सोच को बदलना भी बहुत जरूरी हैं। भाजपा के घोषणापत्र में शामिल राज्य की चर्चित लाडली लक्ष्मी योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसकी वजह से परिवार में कन्या को लेकर लोगों की सोच में आए परिवर्तन को उन्होंने नजदीक से महसूस किया हैं। श्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बहुत सी ऐसी सामाजिक बुराइयां हैं जिनके लिए जनता के बीच में जाकर उन्हें जागृत करने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद वह खुद व खुद दूर दराज के क्षेत्रों तक पहुचेगे और हर चीज के लिए सरकार और तंत्र पर निर्भर रहने की लोंगों की मानसिकता को बदलने का आहान करेंगे। श्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस काम में उनके सहयोगी मंत्री गण और पार्टी के अन्य जनप्रतिनिधि भी जुटेंगे। गांवों का उदाहरण देते हुए श्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अक्सर वहां साफ सफाई आदि को लेकर भी लोग तंत्र का मुंह देखते हैं। छोटी छोटी बातों को लेकर सरकार या तंत्र पर जनता की निर्भरता ठीक नहीं हैं। श्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भले ही इसकी जिम्मेदारी नगरीय निकायों या पंचायतों की हैं। लेकिन कभी हम भी हाथ में झाडू लेकर सफाई के लिए सडकों पर उतर सकते हैं। और ऐसा करके हम अपने आसपास के परिवेश को और बहेतर ही बनाएंगे। श्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस अभियान को मध्यप्रदेश बनाओ यात्रा नाम दिया गया हैं। वह चार दिन राजधानी में रहेंगे और शेष तीन इस अभियान के अंतर्गत राज्य के अलग अलग क्षेत्रों का दौरा करेंगे। अभियान के तहत बिजली चोरी पर रोक] जल संरक्षण] स्वच्छता] पर्यावरण संरक्षण और सरकारी संपति की रक्षा जौसे विषय उठाए जाएंगे।
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