Header Ads Widget

 


Responsive Advertisement

copy-paste

इलाज के अभाव में मौत शिव सरकार की सहायता घोषणा फर्जी निकली

थोथी घोषणाएं कर वाहवाही लूटने वाले मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को प्रशासन कितनी गंभीरती से लेता है, इसक एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा सहायता राशि में तो कटौती की ही गई, स्वीकुत राशि का भी समय पर भुगतान नहीं किया गया। इस कारणएक व्यक्ति को असमय मौत के मुंह में जाना पड़ा। इतने गंभीर मामले में एक भी अधिकार को जिम्मेदार नहीं ठहराने से सरकार की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

भोपाल मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से सहायता राशि में लापरवाही सामने आई है। समय पर यहायता राशि न मिलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। इससे मुख्यमंत्री शिवराज चौहान संवेदनशीलता की पोल खुल गई है। उलेखनीय है कि रेलवे में कार्यरत ब्रजभूषण सिरवैया का लीवर खराब हो गया था, जिसे नई दिल्ली के सर गंगराम अस्पताल में भर्ती किया गया था। सिरवैया की पत्री ममता सिरवैया ने अपना लीवर देकर पति की जान बचाने की पहल की, किंतु इस पर लगभग २५ लाख रूपए खर्च बताया गया। श्रीमती सिरवैया ने रेल विभाग में आवेदन देकर यह राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, जहां से २० लाख रूपए स्वीकुत किए गए। कुछ राशि उन्होंने परिजनों से जुटाई।फिर भी ५ लाख रूपए कम पड़ रहे थे। श्रीमती सिरवैया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आवेदन देकर शेष राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री ने पांच लाख रूपए देने की घोषणा की। जनसंपर्क विभाग ने सहायता राशि स्वीकृत करने संबंधी समाचार भी जारी किया,जो लगभग सभी प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश क्र. २१३ के तहत मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान कोष से पांच लाख की बजाय चार लाख रूपए देने का आदेश ८ जनवरी को कलेक्टर भोपाल को दिया। इसके बाद क्या हुआ, यह किसी को पता नहीं चला। उधर समय पर इलाज न हो पाने के कारण अस्पताल में भर्ती ब्रजभूषण सिरवैया की मौत हो गई। खास बात यह है कि यह सहायता राशि श्रीमती सिरवैया को आज तक नहीं मिल पाई है। प्रशासन की इस लापरवाही के कारण एक व्यक्ति की असमय मौत हो गई और इसके लिए आज तक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।

Post a Comment

0 Comments