आम चुनावों से ठीक पहले चुनाव आयुक्त नवीन चावला को हटाने का विवाद फिर से खड़ा हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी ने राष्ट्रपति को श्री चावला को पद से हटाने की सिफारिश भेज दी है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सिफारिश को प्रधानमंत्री को भेजा है जिसे प्रधानमंत्री ने विधि मंत्रालय को भेज दिया है। इस सिफारिश से राजनीतिक खेमों और संविधान विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ी गयी है। श्री गोपालस्वामी ने महीनों चुप रहने के बाद अचानक 15 दिन पहले अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए श्री चावला पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है। राष्ट्रपति की सलाह पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस समूचे मामले पर राय जानने लिए विधि मंत्रालय को भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भाजपा ने श्री चावला के कथित पक्षपातपूर्ण बर्ताव की शिकायत मुख्य चुनाव आयुक्त से की थी। श्री गोपालस्वामी ने इस शिकायत पर श्री चावला को नोटिस जारी किया था और इसके साल भर बाद उन्हें पद से हटाने की सिफारिश कर दी है। श्री गोपालस्वामी की इस सिफारिश के समय को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनावों की घोषणा फरवरी में होने की संभावना है और श्री गोपालस्वामी 20 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद सबसे वरिष्ठ होने के कारण चावला के ही मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की संभावना है। पिछले कुछ अरसे में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनसे निर्वाचन आयोग के अंदर खींचतान का पता चलता है। इसी हफ्ते चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के हवाले से खबरें आई थीं कि लोकसभा चुनाव आठ अप्रैल से 15 मई के बीच होने की संभावना है मगर बाद में निर्वाचन आयोग ने इसका खंडन कर दिया। ताजा मामले की शुरूआत मार्च 2006 में हुई जब विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी और 204 सांसदों ने तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से मुलाकात कर श्री चावला को पद से हटाने की मांग की थी। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंप दिया मगर सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। भाजपा की आ॓र से इस मामले को उच्चतम न्यायालय में भी ले जाया गया । सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा को सलाह दी थी कि वह सीधे मुख्यआयुक्त के पास याचिका दायर करे। इसके बाद भाजपा की तरफ से जसवंत सिंह ने अगस्त 2007 में अपनी याचिका वापस ले ली। फिर भाजपा ने पिछले साल मुख्य चुनाव आयुक्त को याचिका सौंपकर नवीन चावला को हटाने की मांग की थी।
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