होंठों पर खुशी, आँखों मे नमी, पलकों पर ख्वाब,और दिल मे दबी उलझन,मैने ख्वाबों मे देखी इक दुल्हन,ना जाने कितने रंग है उसकी हसरतों के,पर मासूमियत के गहनों से सजा उसका मन,मैने ख्वाबों मे देखी इक दुल्हन,कुछ यूँ अदब से झुकती हैं उसकी पलके,कि चिड़ियों की बोली से मीठी लगती है,उसकी चूड़ियों की खन-खन,मैने ख्वाबों मे देखी इक दुल्हन,सुनहरी राहें है कदमो के इंतज़ार मे,मगर डर है कि छूट जाएगा,मा का दामन,मैने ख्वाबो मे देखी इक दुल्हन,इस ख्याल से हि होती है,दिल मे इक मीठी सिहरन,कि कुछ पलों मे जुड़ जाएगा,किसी से जन्मों का बंधन,मैने ख्वाबों मे देखी इक दुल्हन.........
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