सीहोर। अभी तक तो सेटेलाइट के माध्यम से चांद-तारों का पता लगाया जाता था, मौसम के परिवर्तन की जानकारी के लिए भी सेटेलाइट अहम भूमिका निभाते थे, लेकिन आने वाले समय में यह सेटेलाइट लोगों की प्यास बुझाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने जा रहे हैं। नपा और पीएचई विभाग द्वारा बनाई गई योजना में सेटेलाइट के माध्यम से जहां जमीन के नीचे पाताल तक पानी की खोज की जाएगी, वहीं पानी की पर्याप्त उपलब्धता के बाद चिन्हित स्थानों पर पाताल तोड बोर भी लगाए जाएंगे। इन बोरों की गहराई आम बोरों से दो से तीन गुना तक ज्यादा होगी, जिससे भरपूर मात्रा में पानी मिल सकेगा। आगामी जलसंकट को देखते हुए बनाई गई इस योजना में शुरूआती कार्य प्रारंभ भी हो गया है। कैसे लगाए जाएंगे सेटेलाइट बोर नगर में हर साल आने वाले जलसंकट के स्थायी हल के लिए नगरपालिका ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहयोग से इस योजना को बनाया है, जिसमें सेटेलाइट के माध्यम से पहले जहां नगर के चिंहित स्थानों पर पानी की खोज की जाएगी, उसके बाद यहां विशेष प्रकार के बोरों का उत्खनन किया जाएगा। इन बोरों की गहराई सात सौ से आठ सौ फुट तक रहेगी। इन बोरों में पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा, जिससे नगर का जलसंकट काफी हद तक कम किया जा सकेगा। फिलहाल, नगर में इस प्रकार के आठ बोरों को लगाया जाएगा, नगर पालिका इन बोरों के लिए पीएचई विभाग को भुगतान करेगी, विभाग द्वारा यह बोर लगाए जाएंगे। नपा के इंजीनियर योगेश राठी ने बताया कि योजना में एक विशेष मशीन व सेटेलाइट के माध्यम से पानी खोजने के बाद पीएचई द्वारा पाताल तोड बोर लगाए जाएंगे। नपा इस योजना पर कार्य कर रही है, शीघ्र ही इस योजना के लिए पीएचई को भुगतान कर दिया जाएगा, जिसके बाद इन सेटेलाइट बोरों के माध्यम से नगरवासियों को पानी मिल सकेगा।
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जानकारी के लिए आभार...
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