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तुम मुझे पानी दो - मैं तुम्हें वोट दूंगा

आजादी के आंदोलन के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नारा दिया था कि तुम मुझे खून दो - मैं तुम्हें आजादी दूंगा। देश वासियों ने उनकी एक आवाज पर अपना खून दिया और नेताजी ने देश को आजादी दी। आज उनके उक्त नारे से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश के मतदाता उम्मीदवारों से कह रहे हैं कि तुम मुझे पानी दो - मैं तुम्हें वोट दूंगा।यह अलग बात है कि चुनाव पूर्व उम्मीदवार पानी उपलब्ध करा पाते है या नही और मतदाता उन्हें वोट दते हैं या नहीं । इसमें कोई संदेह नहीं कि राजधानी सहित समूचे प्रदेश में मंडरा रहे जल संकट के बादलों पर अब चुनावी से पानी दो - मैं तुम्हें वोट दूंगा साया भी मंडराने लगा हैं। जिस तरह से चारों तरफ पानी को लेकर हाहाकार मच रहा है उससे तो यही प्रतीत होता हैकि लोसभा चुनाव में पानी का मुद्दा उम्मीदवारों का पसीना ला देगा। जल संकट का शिकार केवल बडे शहर ही नहीं है,बल्कि सच्चा - भारत अर्थात ग्रामीण अंचल भी जल संकट से दो - चार हो रहा है। भोपाल को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नर्मदा का जल यहां लाने की बात पिछले तीन दशक से चल रही हैं। हालां कि इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने भोपाल वासियों को भरोसा दिलाया है कि गांधी जयंती के मौके पर २ अक्टूबर को नर्मदा जल भोपाल पहुंच जाएगा।हालां कि भूतपूर्व राष्टपति डॅा . शंकर दयाल शर्मा ने १९८० में जब भोपाल से लोकसाभा का चुनाव लडा था, तब डॅा. शर्मा ने भोपाल में नर्मदा जल लाने की वकालत की थी।लेकिन उनका यह सपना आज भी अधूरा है।यही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी भोपाल के लाल परेड मैदान से नर्मदा जल लाने की बात कह चुके हैं। इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह,उमाभारती और बाबूलाल गौर भी अपने कार्यकाल में नर्मदा जल यहां लाने की बात कहते रहे हैं।ऐसा नहीं है कि पेयजल संकट केवल राजधानी में ही हैं। इस भीषण जलसंकट से इंदौर ,उज्जैन ,देवास ,ग्वालियर आदि कई बडे शहरों के लोग जूझ रहे हैं और अब ताेपानी को लेकर खूनी संघर्ष भी शुरू हो चुके हैं।पानी को लेकर लूटपाट मच गई हैं। यह स्थिति भोपाल सहित कुछ शहरों में पेयजल वितरण की अव्यवस्था से भी निर्मित हुई है। नगरीय निकायों द्वारा पेयजल विजरण में पक्षपात किया जा रहा हैं।पाश कालोनियों मेतो र्प्याप्त मात्रा मे जल वितरण हो रहा है,जबकि निम्र - मध्य क्षेत्रों में दो - दो दिन तक जल वितरण नहीं किया जाता है और ऐसीस्थिति में एकाध टेंकर पानी अगर भेज भी दिया जाता है जो खून खराबे की स्थिति बन जाती हैं।अभी तक तो सोना, चांदी आदि कीलूट की घटनाएं सामने आती थी,लेकिन अब तो हर दिन पानी लूटने की घटनाएं हो रही हैं। लिहाजा ऐसी स्थिति में प्रदेश के प्यासेमतदाता उम्मीदवारों से यदि वोट के बदले में पानी मांग रहे हैं तो यह उनकी वाजिब मांग है और उम्मीदवारों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।उलेखनीय है कि २००३ के विधानसभा और २००४ के लोकसभा चुनाव में बिजली,सडक और पानी मुख्य चुनावी मुद्दा रहे थे और इस मुद्दे के सहारे ही भाजपा सता में आई थी।हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में भी यहा मुद्दा गरमाया था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वायदोपर जनता ने विक्षास जताया हैं। परंतु लोकसभा चुनाव पेयजल संकट झेल रहा मतदाता काफी गुस्साया हुआ नजर आ रहा हैं।उसके गुस्से को शांत करने और पेयजल उपलब्ध कराने के सरकारी प्रयास भी विफल होते दिखाई दे रहे हैं क्ययेंकि चुनाव आयोग ने पेयजल कायोर्ं से संब्ंधितपीएचई विभाग के प्रस्ताव को लौटा दिया हैं।आयोग का कहना हैं कि विभाग एक साल के नहीं २ माह के कामों का ब्यौरा भेजे ताकि उनका परीक्षणकर अनुमति दी जा सके। उलेखनीय है कि आयोग इससे पहले भी विभाग का प्रस्ताव अधूरा होने की वजह से लौटा चुका हैं।

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1 Comments

  1. नेताजी कहते थे तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा।
    नेताजी कहते हैं तुम मुझे वोट दो, मैं तुम्हें बर्बादी दूँगा।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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