कटनी सभा में पूर्व भाजपा कार्यकर्ता ने जताया गुस्साभारतीय राजनीति में लोकतंत्र को कलंकित होने के लिये लगता हैं। अब समय काफी करीब हैं। अपने गुस्से और अपना पक्ष रखने केलिये भारतीय युवाओं के पास जूता - चप्पल,खडाऊ की संस्कृति ने जन्म ले लिया हैं। इस कुसंस्कृति से उबरने के लिये देश के कर्णधारों को भी अपनी कार्य संस्कुति का विश्लेषण करना होगा वरना वह दिन दूर नहीं जब भारत में युवाओं के पास दिशा और दृष्टिकोण कर बजाये जूते - चप्पल तथा खडाऊ उनके जीवन का अंग बन जायेगा। आज दिशाहीन दृष्टिकोण की पराकाष्ठा उस समय देखने को मिली जब जबलपुर से मात्र १५० किमी की दूरी पर कटनी की एक सभा में भारतीय युवा मोर्चा के एक पूर्व पदाधिकारी ने अपनी ही पार्टी के श्रद्वा के केंद्र बने देश के वयोवृद्व नेता को निशाना बना लिया। उल्लेखनीय है कि आज भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लाल कृष्ण आडवाणी की सभा में उस समय सनसनी फैल गयी जब आज एक व्यकित ने उन्हें निशाना बनाकर चप्पल फेंक दी। इस घटना के तुरतं बाद इस व्यकित को हिरासत में भेज दिया गया हैं। इस व्यकित का नाम पावस अग्रवाल हैं। यह भाजपा का ही कार्यकर्ता बताया गया हैं। इस व्यकित को पकडकर पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना से कुछ समय के लिए सनसनी फैल गई बहरहाल स्थ्ति को तुरंत नियंत्रित कर आडवाणी का भाषण शुरू कराया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार पावस काफी।
आडवाणी पर खडाऊनाराज चल रहा था उसका कहना है कि आडवाणी नकली लौह पुरूष है और वह एक तरफ तो राम का नाम लेते हैं जित्रा की मजार पर भी जाते हैं। लगता है इस लोकसभा चुनाव में जूते चप्पलों का दौर शुरू हो गया हैं। इससे पहले कांग्रेस मुख्यालय में गृहमंत्री पी चिदंबरम पर एक पत्रकार ने जूता फेंका था हालांकि वह जूता डन्हें लगा नहीं, उसके बाद कांग्रेस के युवा सांसद नवीन जिदंल पर कुरूक्षेत में एक कार्यकर्ता ने जूता फेंक दिया था। इस बार भी यह जूता नहीं लग पाया। अब आडवाणी पर चप्पल फेंकी गई हैं।
चप्पल फेंके जाने की घटना निंदनीय : कांग्रेस
भाजपा के एक कार्यकर्ता ने ही श्री आडवाणी पर चप्पल फेंकी हैं। श्री सिंघवी ने कहा कि हम यह कह सकते थे कि श्री आडवाणी हमें सीख देने की बजाय अपने घर को ठीक करें लेकिन हम कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं करना चाहते १ हमारा यही मानना है कि इस तरह की घटना का समर्थन नहीं किया जाना चाहिये चाहे वह पार्टी कार्यकर्ता करे या कोई और।
3 Comments
न .... न ...
ReplyDeleteआडवाणी पर
न खड़ा होना
वे कुर्सी पर
पी एम की कुर्सी पर
खुद ही खड़े होने के लिए
वेटिंग में हैं
डिंग डिंग।
वे तो शुक्र मना रहे हैं
ReplyDeleteकि सब लोहे के असली नकली
होने में ही उलझ गए
और उनको पुरुष तो
स्वीकार लिया
ओय बल्ले बल्ले।
आप पर भी फिकवाऊं लेख लिखोगे :)
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