मध्यप्रदेश का सीआईडी विभाग कथित संत लाल साईं के बलात्कार मामले पर खात्मा लगता की उसके पहले अदालत ने लाल साईं की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए हैं मध्यप्रदेश सीआईडी पत्रकार एस.पी.त्रिपाठी के अपनी सहयोगी पत्रकार के साथ बलात्कार की कोशिश के मामले को ऐसे ही दबा चुकी हैं अब यह मामला अदालत में हैं मध्यप्रदेश की भोपाल पुलिस और सी आई डी यौन उत्पीडन करने वालों को बचाने वाली संस्था बन गई हैं बैरागढ़ के टैम्पल ऑफ़ संबोधि के संत लाल साईं पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी नाबालिग़ शिष्या के साथ रेप किया 18 अक्टूबर 2008 से अब तक लाल साईं को पुलिस ने पकड़ना तो दूर उसे बचाने में अपनी पूरी ताकत लगा दी भोपाल एसपी ने तो चिट्ठी लिखकर लाल साईं को गिरफ्तार न करने के निर्देश दिए ऐसे में अदालत ने कहा हैं कि भोपाल पुलिस अधीक्षक ने लाल साईं को गिरफ्तार न करके परोक्ष रूप से अग्रिम जमानत का ही लाभ प्रदान किया हैं
अदालत द्वारा लाल साईं की गिरफ्तारी के आदेश दिए जाने के बाद पीडिता के वकील विजय चौधरी ने कहा हैं कि अगर एक-दो रोज में लाल साईं नहीं पकडा गया तो वे न्यायालय कि अवमानना का केस लगायेंगे ऐसे ही एक मामले में वीओआई के पत्रकार रहे एस.पी.त्रिपाठी को भी भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार नहीं क्या था और उसे छुट्टा घूमने दिया बाद में चैनल ने एस.पी.त्रिपाठी को बाहर कर दिया एस.पी.त्रिपाठी ने अपनी जूनियर पत्रकार के साथ बलात्कार कि कोशिश कि थी सीआईडी और भोपाल पुलिस ने इस मामले को ले देकर कुछ ऐसे ही पत्रकारों के दबाव में मामले को दबा दिया था अब यह मामला भी अदालत में है
एस.पी.त्रिपाठी और लाल साईं के मामले ने भोपाल पुलिस का असली चेहरा सामने ला दिया हैं, प्रदेश की सभी महिलाओं और लड़कियों के भाई और मामा होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लिए यह किसी तमाचे से कम नहीं हैं कि उनकी पुलिस व्याभिचारियों को लाभ पहुंचती हैं और मासूमों पर जुल्म करती हैं
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