यौनशोषण के आरोपों के चलते शिवराज सरकार से बाहर किए गए वित्त मंत्री राघवजी से इस्तीफा मांगे जाने पर भाजपा कोर ग्रुप के अधिकांश दिग्गज नेता सहमत नहीं है। बताया कि इस्तीफा मांगे जाने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा सीएम हाउस में ताबड़तोड़ ढंग से बुलाई गई बैठक में मौजूद प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर,पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा और सांसद अनिल दवे संपूर्ण घटनाक्रम पर बहुत ज्यादा व्यथित थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान उपाध्यक्ष प्रभात झा ने भी सुझाव दिया था कि पार्टी के चाल,चरित्र और चेहरे पर बदनुमा दाग लगाने वाले वरिष्ठ मंत्री को इस्तीफा मांग कर कैबिनेट से बाहर नहीं किया जाए,बल्कि उनकी बर्खास्तगी पर भी विचार होना चाहिए। बताया कि पार्टी नेताओं के इस विचार-विमर्श के दौरान यह सुनिश्चित हुआ है कि पुलिस जांच के तथ्य सामने आने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का विश्वास में लेकर कोई सख्त निर्णय लिया जाएगा। इधर यौनशोषण का मामला उजागर होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डीजीपी नंदन दुबे के मार्गदर्शन में इस मामले में तथ्यों की जांच कर रहे हैं। प्रथमदृष्टया राघवजी के खिलाफ पुलिस को सौंपी गई सीडी और शपथपत्र सही पाया गया है, लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री से परामर्श के बाद ही देर शाम तक मुकदमा दर्ज कर पूर्व मंत्री राघव की गिरफ्तारी संभव है। इस मामले में भाजपा के नेता पार्टी और सरकार पर पड़ने वाले प्रभाव के परिणामों को भी टटोल रहे हैं। ओरल सेक्स नहीं करने पर मारते थे तमाचे राजकुमार दांगी को राघवजी ने कई मौकों पर तमाचे भी मारे हैं। इसकी वजह यह बताई जा रही है उसे इसलिए मारते थे कि वह ओरल सेक्स नहीं करना चाहता था,राघवजी ओरल सेक्स करना चाहते थे। राजकुमार ने अपने शपथ पत्र में इस बात कर जिक्र किया है जब वो राघवजी की इच्छाएं पूरी नहीं करता था तो उसे डराया-धमकाया जाता था। राजकुमार ने अपने शपथ पत्र में यह भी कहा है कि शुरू में तो राघवजी ने उससे हाथ-पैर दबवाए और मालिश करवाई,लेकिन बाद में अप्राकृतिक कृत्य करना शुरू कर दिया और यह काम 2010 से मई 2013 तक चलता रहा। राजकुमार दांगी ने कहा इसके बाद ही उसने और घनश्याम कुशवाह ने मिलकर सीडी बनाई। शपथ पत्र में दांगी ने आशंका व्यक्त की है कि राघवजी उसे शेर सिंह चौहान और सुरेश चौहान के द्वारा मरवा सकते हैं। दांगी ने अपने शपथ पत्र में यह भी कहा है कि राघवजी भाई के कई महिलाओं से भी संबंध थे। जैसा करेगा वैसा भरेगा: पटवा पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने वित्त मंत्री राघवजी के इस्तीफे पर कहा है कि जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। पार्टी को इससे ज्यादा लेना देना नहीं है। पटवा ने कहा कि कांग्रेस बेवजह इसे मुद्दा बना रही है। राघवजी के खिलाफ पार्टी स्तर पर कार्रवाई के सवाल पर उनका कहना था कि पार्टी को जो करना था कर लिया। उधर उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं राघवजी को लंबे समय से जानता हूं। उनका सार्वजनिक जीवन पाक साफ रहा है। उनके खिलाफ यह एक षड़यंत्र रचा गया है और सीडी भी षड़यंत्र का हिस्सा है। सीडी देखकर ‘शर्मसार’ हुए सीएम, मंत्रियों को चुप्पी की सलाह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब इस सीडी को देखा तो वे शर्मसार हो गए और उन्होंने इस पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की। शनिवार की सुबह श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री से जब मीडिया ने राघवजी के संबंध में सवाल पूछे तो उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया इस मामले में जो कहना था वो रायपुर में कह चुके हैं। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से यह जरूर कहा कि विपक्ष को जनहित के मुद्दे भी विधानसभा सत्र में उठाना चाहिए,यह सत्र जनता के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है और विपक्ष को इस अवसर का उपयोग करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक में उन्होंने मंत्रियों को इस मामले में कुछ भी टीका-टिप्पणी करने से रोका है। सोम डिस्टलरी में दिलवाई थी नौकरी राजकुमार सिंह दांगी ने अपने शपथ पत्र में यह बताया है कि राघवजी ने उसे सोम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड स्थित एमपी नगर कार्यालय में असिस्टेंट अकाउटेंट के पद पर रखवाया था और वो राघवजी के बंगले पर रहता था। जिस थाने का उद्घाटन किया उसी में दर्ज हुई शिकायत वित्त मंत्री होने के नाते राघवजी हबीबगंज मेट्रो थाने के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। उनका नाम भी वहां पर मुख्यमंत्री के साथ पट्टिका पर अंकित है। संयोग देखिए कि उसी थाने में राघवजी के खिलाफ यौनशोषण की शिकायत दर्ज कराई गई है।





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