नसबंदी से जुड़े एक आदेश को लेकर एमपी का स्वास्थ्य विभाग पहले ही बैकफुट पर आ चुका है,अब हरदा ज़िले में शिक्षा विभाग का ये आदेश चर्चा में है. इस आदेश के मुताबिक अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ उन्हीं शिक्षकों को मिलेगा जिन्होंने नसबंदी कराई है.
ज़िले में शिक्षा विभाग के इस आदेश से परिवार नियोजन ऑपरेशन नहीं करवाने वाले शिक्षकों में भी आक्रोश है. वहीं कई शिक्षक इसे जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में लिया गया एक सकरात्मक निर्णय बता रहे हैं. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा की एक आदेश पहले वर्ष 2009 में जारी किया था. उसी के संदर्भ में ये आदेश दोबारा जारी किया गया है.
ये है आदेश
जिला शिक्षा अधिकारी ने डीएस रघुवंशी ने चर्चा में कहा कि ये आदेश परिवार नियोजन करवाने की दिनांक से अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ देने के संबंध में है. 13 अक्टूबर 2009 को स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल ने एक अपने एक आदेश में कहा था कि जून 2006 से पहले परिवार नियोजन अपनाने पर ही शिक्षकों और अध्यापकों को अग्रिम वेतम वृद्धि का लाभ मिलेगा. इस तारीख के बाद परिवार नियोजन ऑपरेशन करवाने वालों को नसबंदी की तारीख से अग्रिम वेतन वृद्धि का फायदा मिलेगा. 28 फरवरी 2020 को जारी आदेश में भी यही लिखा कि जिन महिला पुरूष शिक्षक और अध्यापकों ने परिवार नियोजन कराया है, उन्हें ही अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा. जिन शिक्षकों ने नसबंदी नहीं करवाई है उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा.
इन शिक्षकों को आदेश का नुकसान उठाना पड़ेगा
जिले के तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष और शिक्षक अनिल अग्निहोत्री ने कहा की सभी शिक्षकों को परिवार नियोजन अपनाना चाहिए लेकिन जिन शिक्षकों के दो बच्चे ही है और उन्होंने परिवार नियोजन ऑपरेशन नहीं करवाया है उन्हें इस आदेश से नुकसान होगा. पूर्व में जारी आदेश के अनुसार शिक्षकों को दो बच्चों पर दो वेतन वृद्धि एवं एक बच्चे पर तीन अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाता था. लेकिन अब इस आदेश में कटौती करते हुए दो बच्चों वाले शिक्षकों को एक और एक संतान वाले शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा.
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