मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल में सबसे पहले सुपर स्ट्रक्चर पर ईंट रखी। यह ब्रिक लेयिंग सेरेमनी का हिस्सा होता है। इसके बाद कार्यक्रम स्थल से मुख्यमंत्री ने शिला पट्ट और थ्री - डी मॉडल का अनावरण किया। इस अवसर पर आईआईटी के फर्स्ट फेज के डिजाइन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि आईआईटी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा,जो यहां लौह आधारित उद्योगों के लिए काफी उपयोगी होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि टेक्नालाजी अनेक तरीकों से जीवन बदलती है पहले एलुमीनियम काफी महंगी वस्तु होती थी अब यह सुलभ है। इलेक्ट्रॉनिक घड़ियां काफी महंगी होती थी अब ये काफी सस्ती है। आईआईटी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में भी विकास की नई संभावनाएं पैदा होंगी। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नेहरू जी ने भिलाई स्टील प्लांट की सौगात हमारे प्रदेश को दी। इससे तेजी से विकास के रास्ते खुले। आईआईटी भिलाई के माध्यम से भी छत्तीसगढ़ में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
इस मौके पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियों की वजह से कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। उन्होंने कहा कि किसानों को खुशहाल करने के माध्यम से हर वर्ग को खुशहाल किया जा सकता है यह नीति सफल रही, इसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जाता है। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि आईआईटी जैसी संस्थाएं कास्ट कटिंग पर रिसर्च करें।
उन्होंने बताया कि पहले चरण में 18 लेक्चर हाल और क्लास रूम बनाए जाएंगे। इंजीनियरिंग और साइंस डिपार्टमेंट के साथ ही लाइब्रेरी और आईटीआईएल बिल्डिंग तथा आब्जर्वेटरी टावर भी बनाये जाएंगे। इसके साथ ही तीन हास्टल और तीन रेसीडेंशियल टावर भी बनेंगे। इस मौके पर राज्यसभा सांसद सरोज पांडे, भिलाई विधायक एवं महापौर देवेंद्र यादव,कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे,एसपी प्रशांत ठाकुर एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
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