राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष शांता सिन्हा ने बुधवार को बाल अधिकार एवं हितों से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई की। एनटीटीटीआई सभागार में आयोजित जनसुनवाई में मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष डीएम धर्माधिकारी और कलेक्टर शिवशेखर शुक्ला भी उपस्थित रहे। सुनवाई में के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। ज्यादातर लोगों ने अपने जिलों में बालगृह,आंगनबाडी और नए स्कूलों के निर्माण की मांग की। अधिकारियों ने आयोग को बताया कि प्रदेश में नए आंगनबाडी खोलने के लिए केन्द्र की स्वीकृति मिल चुकी है। छिंदवाडा जिले से आए लोगों ने बाल श्रमिकों की दुर्दशा की शिकायत की। इस पर आयोग ने अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इससे पहले आयोग की टीम ने 10 फरवरी को सतना जिले का निरीक्षण किया। आयोग की अध्यक्ष ने जिले के आंगनबाडी केन्द्रों और पोषण पुनर्वास केन्द्रों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं और बच्चों से बात कर उनकी समस्याएं जानी। मुख्य सचिव से मुलाकातभोपाल। सतना में कुपोषण से बच्चों की मौत के मामले में जन सुनवाई करने आए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बुधवार को मुख्य सचिव के साथ मुलाकात करके चर्चा की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. शांता सिन्हा ने मुख्य सचिव राकेश साहनी को सतना में बच्चों के कुपोषण, स्वास्थ्य की स्थिति आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं मुख्य सचिव साहनी ने भी प्रदेश में बाल संरक्षण की दिशा में किए जाने वाले कार्यो की जानकारी दी। इस अवसर पर मप्र महिला एवं बाल विभाग की प्रमुख सचिव टीनू जोशी, आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव उपस्थित थीं।विभागों के साथ बैठकमुख्य सचिव से मुलाकात से पहले आयोग की अध्यक्ष की विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक हुई। उन्होंने आंगनबाडी, स्वास्थ्य सेवाओं आदि की जानकारी ली। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव, आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव देवराज बिरदी, आयुक्त मनोहर अगनानी, सचिव केपी सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के पीएस अशोक दास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पीएस आईएस दाणी, आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र मनोहर अगनानी, गृह सचिव संजय राणा आदि उपस्थित थे।दौरा भी-आयोग के पदाधिकारियों ने इससे पूर्व मंगलवार को सतना में जनसुनवाई करने के साथ ही मझगंवा ब्लाक के गांवों का भ्रमण किया। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति देखने के साथ ही गांवों में पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाओं, रोजगार गारंटी योजना आदि की स्थिति का भी जायजा लिया।
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