21वीं सदी शैशव अवस्था में ही है और प्यार उन्मुक्त हो चला है। मर्यादा के बंधन ढीले पड़ गए हैं। युवाओं में इश्क का जुनून सिर चढ़कर बोल रहा है। साइबर वर्ल्ड, मोबाइल इंडस्ट्री और मॉल कल्चर ने इसे परवान चढ़ा दिया है। अभी से 2050 की ‘लव स्टाइल’ की बात होने लगी है। युवा पीढ़ी ब्रिटिश लेखक डेविड लेवी की परिकल्पना-रोबोट्स के साथ प्यार और सेक्स की चर्चा में मशगूल है। मौके का फायदा उठाते हुए हैरी बावेजा 2008 में ही फिल्म ‘लव स्टोरी 2050’ ले कर आ रहे हैं, जो अभी से जेहन में छा गयी है। फिल्म में एक रोबोट अहम भूमिका में होगा और कल्पना 2050 में प्यार की है। युवाओं के दिलोदिमाग पर प्यार के आदर्श के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी का राज है, जो प्रेमिका कार्ला ब्रूनी के पूर्व पति से हुए बच्चे को कंधे पर उठाए दुनिया की खाक छान रहे हैं। युवाओं के होठों पर एनरिके इगेलियासिस का ‘बेबी यू आर राइट, आई एम स्टैंडिंग इन स्ट्रीट्स क्रायिंग फॉर यू’ या फिर एकॉन का ‘नोबडी वान्ना सी अस टुगेदर, बडी डोंट मैटर’ गीत है।सीधा सा मतलब यह की इस पीढ़ी को दुनिया की परवाह नहीं। उसमें झिझक नहीं। मंदिर और गुरद्वारे जाने का बहाना बनाने की जरूरत नहीं। प्यार लावुड हो चला है। वह लुकाछिपी के खेल से ऊपर उठ चुका है। एकांत की जरूरत नहीं। पार्क में, मॉल्स में, आइसक्रीम पार्लर्स पर, हाईवेज पर- हर जगह युवा पीढ़ी चीख-चीख कर कह रही है ‘लव, लव, लव’। जिस ‘किस’ सीन के लिए लोग खास फिल्में देखने जाते हैं, वे किसी भी क्षण अब सरेराह चलते-चलते देखने को मिल जाते हैं। ‘फ्लाइंग किस’ तो बीते जमाने की बात हो गयी है। ‘लिपलॉक’ किस से कम पर करार ही नहीं आता अब। गलबहियां करे फिरने वाले मतवाले हों या हाई स्पीड बाइक पर सवार जोड़ा, वे कभी भी/ कहीं भी फुर्ती से किस करते चलते हैं। कोई संकोच नहीं, कोई झिझक नहीं। 22 साल की कॉलेज गोइंग जॉली अपने ब्वॉय फ्रेंड को बाहों में लपेटते हुए मस्त अंदाज में कहती है- ‘किसिंग इज नॉट प्रॉहीबीटेड एट ऑल।’ जब तक प्रेम दीवाने मिलते नहीं तब तक मोबाइल के बटन्स की जान आफत में। एमएमएस, एसएमएस और चैटिंग कर-कर के उसका दम निकाल देते हैं। जमाना खुल कर इजहार करने का हो चला है। ‘हाय हनी आई नीड यू’ और ‘यू आर माई लिपस्टिक’ सुनने को मिल रहा है। अक्षय कुमार की फिल्म ‘वेलकम’ के गाने ‘होंठ रसीले, तेरे होंठ रसीले, दिल मेरा चाहे कि ये रस पी ले’ के साथ प्रेमी एक-दूसरे का वेलकम कर रहे हैं। नार्थ ईस्ट के रहने वाले शेमांग चुहल भरी मुस्कान के साथ कहते हैं- ‘हमें भी पता है हमारी लिमिट्स, वी आर क्वाइट मैच्योर।’‘प्यार हर हाल में’ की हालत है। एक ने धोखा दिया तो क्या दूसरे को ट्राई करते हैं वाली सोच हावी है। टेंशन फ्री लव की दरकार है। सारा टेंशन कैरियर बिल्डिंग पर है। किसी एक के प्यार में जीने-मरने की कसमें खाने का जमाना लद गया। साइबर एज में एंट्री कर चुके लव के लिए मौके बढ़ गए हैं। पार्टनर बढ़ गए हैं। ‘प्यार न हाट बिकाई’ वाली स्थिति खत्म हो चुकी है। साइबर हाट पर सब कुछ उपलब्ध है। कालीदास के मेघ की जरूरत नहीं। याहू, इंडिया टाइम्स, जी मेल, जमैक मेल आदि संदेशवाहक का काम कर रहे हैं। ऑरकुट और फेसबुक वेबसाइट पर फोटो और स्क्रैप्स का लेनदेन बिंदास रूप से चल रहा है। हॉलीवुड में हाल ही में रिलीज हुई एक फिल्म ‘यू हैव गॉट मेल’ ने इंटरनेट लव को और लोकप्रिय बना दिया है। इंटरनेट के जरिए पश्चिमी देशों के लव ट्रेंड्स पता चल रहा हे और यह पीढ़ी उसे तुरंत अपना रही है। साइबर या वर्चुअल रिलेशन्स बढ़ रहे हैं। ई मेल और चैटिंग करते-करते डेटिंग हो जा रही है और प्यार में सारी हदें पार होती जा रही हैं। साइबर कैफे से उड़ा प्रेम का पंछी देश और दुनिया के किसी भी कोने में अपने प्रियतम से मिलने पहुंच जा रहा है। मिलन हुआ तो ठीक, नहीं तो फिक्र को धुएं में उड़ा दिया या फिर शराब में डुबो दिया। टेंशन नहीं लेने का। इमोशंस भी अब वैसे नहीं रहे कि दिल में दबाए रहो। जो है, जैसा है, फटाफट बताआ॓। गिफ्ट-शिफ्ट दो/लो। बात जमें तो रिश्ते को आगे बढ़ाआ॓ वर्ना ट्राई अगेन। साइबर स्पेस में उड़ा प्रेम का पंछी पंख फड़फड़ाते कब दम तोड़ देता है या फिर जान ले लेता है, पता ही नहीं चलता।
0 Comments