
जैसे-जैसे गर्मी और धूप तेज हो रही है वैसे ही गेहूं की फसल पर आग का साया मंडराने लगा है। इस समय दिन में हवाएं काफी तेज चलती हैं, जिसके कारण बिजली के तार आपस में टकरा जाते हैं और तेज स्पार्किग होती है। स्पार्किग के समय निकली चिंगारी से गेहूं की फसलों में आग लग जाती है। पिछले दो दिनों में इस तरह की दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें किसानों को हजारों का नुकसान हुआ है।घटना एकमुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर जमोनिया से आगे स्थित ग्राम मुंगावली में सोमवार की दोपहर 12.30 पर पटेल राधेश्याम पाटीदार के खेत से धुआं उठते हुए दिखा। इसकेबाद आसपास के खेतों में कटाई का काम कर रहे कुछ लोगों ने आग लग गई की आवाज दी, तो गांव के कई लोग आ गए और काफी मेहनत कर आग पर काबू पाया। राधेश्याम पाटीदार के खेत को बटाई पर लेकर कैलाश आदिवासी खेती कर रहा है। कैलाश ने बताया कि खेत के पास से बिजली की लाइन गुजरी है। तारों के टकराने से हुई स्पार्किग से निकली चिंगारी सूखे गेहूं की फसल में पहुंच गई और फसल में आग लग गई। आग से लगभग तीन एकड की फसल खराब हो गई। अच्छी थी हमारी किस्मतकैलाश आदिवासी ने बताया कि हमारी किस्मत बहुत अच्छी थी, अगर पूरी फसल में आग फैल जाती तो हम तो भूखे मरने की कगार पर ही पहुंच जाते, क्योंकि हमारे पास इसके अलावा और कुछ भी नहीं था। जानकारी मिलने पर हम लोगों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया था। घटना दोगेहूं की पकी फसल में आग लगने की दूसरी घटना ग्राम बिजौरी में हुई। ग्राम बिजौरी निवासी रघुनाथसिंह वर्मा के खेत में गेहूं की पकी हुई फसल काटकर एक जगह एकत्रित करके रखी गई थी। रघुनाथ ने बताया कि मंगलवार को दोपहर के समय तेज हवा चल रही थी। इस कारण बिजली के तार आपस में टकरा गए, जिससे स्पार्किग हुई और चिंगारी उक्त एकत्रित गेहूं की फसल तक जा पहुंची। इस चिंगारी से गेहंू की पूरी फसल कुछ ही मिनटों में जलकर राख हो गई। फसल में आग लगने की सूचना फायर बिग्रेड को भी दी गई थी। फायर बिग्रेड जब तक पहुंची फसल पूरी तरह से जलकर राख हो गई थी। इस आग से कई क्विंटल गेहूं पूरी तरह से जल गया है। तारों से हो रही हैं यह घटनाएंअभी तक गेहूं की फसलों में आग लगने कारण बिजली के तारों में स्पार्किग होना ही सामने आया है। इस बारे में कई ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के तार काफी लूज हैं। इस कारण जब दिन के समय तेज हवा चलती हैं तो यह तार आपस में टकरा जाते हैं, स्पार्किग के कारण ही फसलों में आग लगती है। कई क्षेत्रों में तो बिजली के तारों की यह स्थिति है कि लोग हाथों से पकडकर खडे हो जाते हैं। इन ढीले तारों के कसने का कार्य कई सालों से नहीं होने के कारण इस तरह की नौबत आई है।इन बिजली के तारों के टकराने से इस तरह की आग की घटनाएं पिछले वर्ष भी हुई है, लेकिन इसके बावजूद विभाग चिंतित नहीं है। इस तरह की आग से किसानों का काफी नुकसान होता है।
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