एक महीने आठ दिन के इंतजार के बाद आखिरकार बीसलपुर पेयजल योजना से जुड़ी जयपुर शहर के पाइपलाइन में बीसलपुर बांध का पानी दौड़ा। बालावाला पंपहाउस का जलाशय भरने के दौरान रविवार देर रात शुरू की गई शहर की लाइन की टेस्टिंग वाल्व में खराबी के कारण करीब दो घंटे बाद रोक दी गई। बहरहाल, बीसलपुर बांध से बालावाला तक बिछाई गई 106 किलोमीटर लंबी ट्रांसफर पाइपलाइन से 31 दिसंबर को पहली बार और शनिवार रात 1.15 बजे दूसरी बार पानी पहुंचा। करीब पांच घंटे तक ट्रांसफर पाइपलाइन से गंदले पानी को वॉल्व से निकाला। पाइपलाइन से गंदला पानी निकलने के बाद सुबह 6 बजे जलाशय में डालना शुरू किया। पाइप लाइन से पानी छलकने की खबर मिलने पर रात में ही किसानों ने पंपसेट लगा कर फसलों की सिंचाई शुरू कर दी।बाद में निम्हेडा गांव में स्कोर वॉल्व के पास पाइपलाइन में लीकेज होने से सूरजपुरा पंपहाउस के पंप बंद करवाने पड़े। जलदाय विभाग ने बालावाला जलाशय की टेस्टिंग के साथ ही एक पंप को चालू करवाकर जयपुर शहर को पेयजल आपूर्ति करने के लिए डाली गई पाइपलाइन की टेस्टिंग शुरू करवाई, लेकिन दो घंटे पंप चलने के बाद वॉल्व की दिक्कत होने से इसे भी बंद करवा दिया। आरयूआईडीपी के मुख्य अभिंयता मदनकुमार ने बताया कि छोटे-मोटे लीकेजों को सुधारने के बाद सोमवार शाम से बीसलपुर से पानी की पंपिंग शुरू कर देंगे। 20 फरवरी के बाद बिलकुल साफ पानी आपूर्ति होने लगेगा। महंगा पड़ा बीसलपुर योजना का इंतजार बीसलपुर बांध से बनास का मीठा पानी राजधानी में समय से पहुंचने का इंतजार जलदाय विभाग के शहर सर्किल पर भारी पड़ गया है। बीसलपुर से केवल 300 लाख लीटर पानी मिलने की हकीकत पता चलने के बाद विभाग ने ‘समर कंटिनजेंसी प्लान’ बनाकर सरकार को भेज दिया है। इसमें 575 लाख लीटर पानी की व्यवस्था करने के लिए 20.90 करोड़ रुपए खर्च बताया गया है। इसकी भी मंजूरी व टेंडर होने में ही दो से तीन महीने लग सकते हैं। शहर में गिरते भूजल स्तर के कारण 1650 में से 80 से ज्यादा ट्यूबवैल सूख गए हैं तथा 400 से ज्यादा की क्षमता आधी रह जाने से परकोटा, शास्त्रीनगर, घाटगेट चौकड़ी, ईदगाह, झोटवाड़ा, मालवीय नगर, जवाहर नगर, खो-नागोरिया, सांगानेर, विश्वकर्मा सहित अन्य बाहरी इलाकों में भी पेयजल किल्लत है। हालांकि जलदाय विभाग दावा कर रहा है कि फरवरी के अंत तक बीसलपुर पेयजल योजना से शहर में आंशिक पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। लेकिन बीसलपुर योजना से प्रारंभिक तौर पर केवल 300 लाख लीटर पानी शहर की जरूरत के लिए नाकाफी होगा।समर कंटिनजेंसी प्लान के तहत शहर में 100 बड़े व 100 सिंगल फेज के टच्यूबवैल और 300 हैंडपंप खोदे जाएंगे। इसके अलावा चार करोड़ रुपए खर्च कर टैंकरों की व्यवस्था भी की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य अभियंता जी. एल. डाभी ने भी माना है कि गर्मियों के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे क्योंकि फिलहाल बीसलपुर का पानी सभी इलाकों में नहीं पहुंच पाएगा। फिर भी उन्होंने दावा किया कि गर्मियों से पहले अधिकतर काम हो जाएंगे, लेकिन इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि इतने समय में काम कैसे पूरे हो पाएंगे।
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