केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह की व्यथा पर काताक्ष माध्यप्रदेश के राज्यपाल डॉ बलराम जाखड ने आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह के वफादारी संबंधीबयान पर सीधे कोई भी टिप्पणी करने से इंकार किया, लेकिन काफी कुरेदने पर इतना जरूर कहा कि वफा सिला (पुरस्कार) नहीं मांगती हैं। सेंट्रल प्रेस क्लब के प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में डॉ जाखड ने इससंबंध में हुए सवालों को राजनीतिक बताते हुए टिप्पणी से इंकार किया। जब उनसे पूछा गया कि आजके दौर में क्या सार्वजनिक जीवन में भी वफा या ईमानदारी का सिला नहीं मिलता है,डॉ जाखड ने सिर्फ इतना कहा कि वफा सिला नहीं मांगती हैं। लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के सीधी और सतना संसदीय क्षेंत्र से श्री अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह और पुत्री वीणा सिंह को टिकट नहीं मिला। श्रीमती वीणा सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सीधी सीट से मैदान में हैं। इस बीच सोमवार को श्री अर्जुन सिंह का का दिल्लीसे यह कथित बयान भी सामने आया है कि पार्टी में वफादारी का जो सिला उन्हें मिला वह उससे आहत हैं।आगामी तीस जून 2009 को राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले डॉ जाखड ने एक अन्य सवालके जवाब में कहा।
वफादारी का सिला नहीं मांगा जाता : राज्यपाल कि मध्यप्रदेश में उन्हें सभी से अथाह प्यार और सम्मान मिला है और इसके लिए वह कृतज्ञ हैं। सार्वजनिक - राजनीतिक जीवन में अपनी भावी भूमिका के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जीवन में वह बहुत कुछ कर चुके है और अब कमान नईपीढी के लोगों के हाथ में हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि भविष्य के गर्भ में क्या हैं कोई नहीं जानता हैं। डॉ जाखड ने यह भीकहा कि अभी भी उनके हाथ काम करते हैं।
देश को छोटा करने की साजिश से सावधान रहें मध्यप्रदेश के राज्यपाल डॉ बलराम जाखड ने आज चिंता जताते हुए कहा कि देश को छोटा करने की साजिश से सावधान रहने की जरूरत हैं। डॉ जाखड ने यहां सेंट्रल प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने इस बात परचिंता वयक की कि आज समाज जाति , वर्ग धर्म और संप्रदाय की संकीर्णताओं में बट गया हैं।यह न केवल देश की प्रगति में बाधक है बल्कि इससे देश छोटा हो रहा हैं। राज्यपाल से पूछा गया था कि पांच दशक से अधिक के उनकेराजनीतिक जीवन में तब और अब में क्या फर्क हे, उन्होंने कहा कि पुराना समय एक सपने जेसा था। उस दौर में केवल एक अखबार आता थाऔर पह भी उर्दू में था। लेकिन वही अखबार हमारी देशभकि की प्रेरणा का स्त्रोत बनता था। उन्होंने मीडिया का आहान किया कि वो समाज में व्यास इन बुइरइयों को समाप्त करने की दिशा में अपनी भूमिका का सार्थक निर्वाह करें १ जिससे भारत छोटे छोटे टुकडों की बजाय अटुट और अखंड राष्ट्र के रूप में लगातार आगे बढता रहें।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बडे मगरच्छ हैंमध्यप्रदेश के राज्यपाल और कुलाधिपति डॉ बलराम जाखड ने आज कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए मीडिया सहित समाज के सभी सभी को लोगों को मिल जुलकर काम करना होगा। डॉ बलराम जाखड ने यहां सेंट्रल प्रेस क्लब के प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालोंके जवाब में कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र मेंबडें मगरमच्छ आ गए हैं। इनके बारे में जानकारी जरूर हे लेकिन प्रमाण के अभाव में कार्रवाई करना आसान नहीं होता हें। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा का स्तर बनाये रखने के लिए ऐसे तत्वों पर नियंत्रण पाना आवश्यक हैं। कुलधिपति ने कहा कि उन्होंने इस मोर्चे पर अपने स्तर पर काफी प्रयास किए हैं। एक प्रश्न के उतर में उन्होंने कहा कि भोज मुक विश्रविधालय के कुलपति कमलाकर सिंह को बचाने का प्रयास उन्होंने नहीं। किया राज्पाल ने कहा कि जब कोई दोषी नहीं पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे की जा सकती हैं।उन्होंने हढता के साथ कहा कि गडबडी संबंधी सबूत पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की गयी राज्यपाल ने देश की विभित्र समस्याओं के लिए बढती जनसंख्या को ही प्रमुखकारण बागरी बताते हुए कहा कि जनसंख्या पर नियंत्रण आवश्यक हैं अन्यथा आने वाले 15 वषो में देश की जनसंख्या 150 करोड हो जाएगी।
वफादारी का सिला नहीं मांगा जाता : राज्यपाल कि मध्यप्रदेश में उन्हें सभी से अथाह प्यार और सम्मान मिला है और इसके लिए वह कृतज्ञ हैं। सार्वजनिक - राजनीतिक जीवन में अपनी भावी भूमिका के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जीवन में वह बहुत कुछ कर चुके है और अब कमान नईपीढी के लोगों के हाथ में हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि भविष्य के गर्भ में क्या हैं कोई नहीं जानता हैं। डॉ जाखड ने यह भीकहा कि अभी भी उनके हाथ काम करते हैं।
देश को छोटा करने की साजिश से सावधान रहें मध्यप्रदेश के राज्यपाल डॉ बलराम जाखड ने आज चिंता जताते हुए कहा कि देश को छोटा करने की साजिश से सावधान रहने की जरूरत हैं। डॉ जाखड ने यहां सेंट्रल प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने इस बात परचिंता वयक की कि आज समाज जाति , वर्ग धर्म और संप्रदाय की संकीर्णताओं में बट गया हैं।यह न केवल देश की प्रगति में बाधक है बल्कि इससे देश छोटा हो रहा हैं। राज्यपाल से पूछा गया था कि पांच दशक से अधिक के उनकेराजनीतिक जीवन में तब और अब में क्या फर्क हे, उन्होंने कहा कि पुराना समय एक सपने जेसा था। उस दौर में केवल एक अखबार आता थाऔर पह भी उर्दू में था। लेकिन वही अखबार हमारी देशभकि की प्रेरणा का स्त्रोत बनता था। उन्होंने मीडिया का आहान किया कि वो समाज में व्यास इन बुइरइयों को समाप्त करने की दिशा में अपनी भूमिका का सार्थक निर्वाह करें १ जिससे भारत छोटे छोटे टुकडों की बजाय अटुट और अखंड राष्ट्र के रूप में लगातार आगे बढता रहें।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बडे मगरच्छ हैंमध्यप्रदेश के राज्यपाल और कुलाधिपति डॉ बलराम जाखड ने आज कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए मीडिया सहित समाज के सभी सभी को लोगों को मिल जुलकर काम करना होगा। डॉ बलराम जाखड ने यहां सेंट्रल प्रेस क्लब के प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालोंके जवाब में कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र मेंबडें मगरमच्छ आ गए हैं। इनके बारे में जानकारी जरूर हे लेकिन प्रमाण के अभाव में कार्रवाई करना आसान नहीं होता हें। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा का स्तर बनाये रखने के लिए ऐसे तत्वों पर नियंत्रण पाना आवश्यक हैं। कुलधिपति ने कहा कि उन्होंने इस मोर्चे पर अपने स्तर पर काफी प्रयास किए हैं। एक प्रश्न के उतर में उन्होंने कहा कि भोज मुक विश्रविधालय के कुलपति कमलाकर सिंह को बचाने का प्रयास उन्होंने नहीं। किया राज्पाल ने कहा कि जब कोई दोषी नहीं पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे की जा सकती हैं।उन्होंने हढता के साथ कहा कि गडबडी संबंधी सबूत पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की गयी राज्यपाल ने देश की विभित्र समस्याओं के लिए बढती जनसंख्या को ही प्रमुखकारण बागरी बताते हुए कहा कि जनसंख्या पर नियंत्रण आवश्यक हैं अन्यथा आने वाले 15 वषो में देश की जनसंख्या 150 करोड हो जाएगी।
0 Comments