महात्मा गांधी जो आधी धोती और खड़ाऊ में दुनिया घूम आए। एसेसरी के नाम पर कमर में लटकाने वाली घड़ी ,चश्मा और एक लकड़ी जिनकी कीमत कुल मीलाकर उस समय शायद दस - पंद्रह रू. से ज्यादा न होगी। हाथ से सूत कातने वाला महात्मा गांधी,खुद अपने हाथों से झाडू , साफ - सफाई करने वाला महात्मा गांधी, सादगी का प्रतिमान महात्मा गांधी आज फैशन के बाजार में आ पहुंचा है। जिस महात्मा गांधी वाक्स थे कि जिस देश में लाखों भूखें - नंगे रहते हों उस देश के लोग कैसे शरीर पर सोना पहन सकते हैं ? आश्चर्य होता है। उसी महात्मा गांधी के नाम पर क्लासिक कलम बनाने वाली विख्यात कंपनी ''मोब्ला'' भारत में अंग्रेजी राज द्वारा नमक कर लगाने पर ''नमक कर'' के खिलाफ महात्मा गांधी की ''दांडी मार्च'' से प्रेरित होकर महात्मा गांधी लिमिटेड एडिशन २४१ ब्रांड कलम सोने के तार के साथ निकल रहा है, जिससे चरखे के धागे से बुने कपड़े के स्पर्श का सा अनुभव होगा। सोने के तार,महात्मा गांधी के चरखे का सुत का आपको अनुभव देगे। रेडियम पालिश वाले १८ केरेट की सोने की नीब होगी, जिसमें लाठी पकड़े महात्मा गांधी की आकृति अंकित होगी। जो महात्मा गांधी सादगी का पूरजोर समर्थक ही नहीं, बल्कि साक्षात उदाहरण थे, उनके नाम पर यूं सोने, चांदी के पैन बनाने वालों ने कभी सोचा कि महात्मा गांधी एक साधारण कलम से पेपर के दोनों ओर लिखते थे,जिससे पेपर की भी बचत हो सकें। ऐसे महात्मा गांधी की आत्मा को क्यों दुःख दिया जाए। दुनिया भर के पूंजीपति अगर महात्मा गांधीको सच्ची श्रद्वा करते हैं और महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने की सोचते हैं,तो उनका पहला कदम महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के साथ होना चाहिए दुनिया से गरीबी हटाना, हिंसा रोकना,युद्व विहिन, हथियार विहिन संसार का निर्माण करना। अगर महात्मा गांधी के नाम के साथ आगे आना चाहते हैं तो अंधी परम्पराओं को तोड़ आत्म ज्ञान से नाता जोड़कर सदाचार और अहिंसा परमोधर्म से दुनिया को जोड़ने का काम करें न कि सोने - हीरे - जवाहरात के महात्मा गांधी नामी पैन सिक्के निकाल उनके नाम पर व्यापार करें। महात्मा गांधी को पहले नेताओं ने भूनाया फिर कुछ दुकानदार टाईप लोगों ने, अब महात्मा गांधी के साथ जबकि ओबामा जैसी शख्सियत डिनर करना चाहती है, तो बड़े उघोगपतियों की नजर महात्मा गांधी नाम के उस हीरों पर आ टिकी है, जिसे प्रचार की जरूरत नहीं,हाथों - हाथ उनका माल बिक जाएगा और महात्मा गांधी को भी मॉडल बनाने की कीमत नहीं देनी होगी।
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lekhan ki drashti se aapka lekh oochch koti ka hai ,lekin mai aapke veechaaron se sahmat nahi hoon.
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