स्वर्णिम मध्यप्रदेश का एक सच यह भी आज के बच्चे कल भविष्य हैं उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाए, तो वे भटक नहीं सकते लेकिन मध्यप्रदेश में बच्चों की कहानी कुछ और ही हैं। जब से प्रदेश में भाजपा सतारूढ़ हुई है तभी बच्चों के प्रति अपराध का ग्राफ बढ़ा हैं। एक तरफ जहां भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू के बच्चों के प्रति रेत्रह को अक्सर प्रदर्शित किया जाता है, वहीं मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार, खासकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह चौहान यह भूले जाते हैं कि उनके कार्यकाल वर्ष २००६ से बच्चों के प्रति अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा हैं। बच्चों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत मुफत शिक्षा, मध्यांह भोजन, गणवेश, सायकल वितरण जैसी योजनाएं प्रारंभ कर शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले ढाई वर्ष के कार्यकाल में काफी वाह - वाह लूटी है, हालांकि इनमें भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। वहीं तस्वीर का दूसरा पहलू है बच्चों पर होने वाला उत्पीड़न, उनके प्रति बढ़ते अपराध। इसी वर्ष २० जुलाई २००९ को विधान महेन्द्र सिंह ने बच्चों के प्रति अपराधों के बढ़ने का सवाल किया तब तत्कालीन गृहमंत्री जगदीश देवड़ा ने स्वीकार किया कि वर्ष २००७ में बच्चों के प्रति ४२९० अपराध घटित हुए हैं। इसी वजह से प्रदेश का देश में पहला स्थान है। वर्ष २००८ में ४२५९ अपराध घटित हुए, परन्तु इस वर्ष भी प्रदेश का देश में पहला स्थान कहना इसलिए संभव नहीं, क्योंकि क्राइम इन इंडिया की रिपोर्ट का प्रकाशन नहीं हुआ हैं। कहने का आशय, राज्य के गृहमंत्री ने स्वंय स्वीकार किया है कि शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री रहते बच्चों के प्रति अपराध में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर था। अब यदि भाजपा सरकार के जुलाई २००९ से पहले के ६ माह का बच्चों के प्रति अपराध का ग्राफ देखे तो २१९३ घटनाए हुई हैं। इनमें भोपाल पहले नम्बर पर है जहां १७४ घटनाएं हुई हैं। जबकि छिंदवाड़ा में १६१तथा इंदौर १२३ घटनाएं पंजीबद्व हुई हैं। अन्य जिलों उज्जैन में ११७, सतना में १०८, शिवपुरी में ८६, ग्वालियर में ८३, शाजापुर व भिंड में ७७ - ७७, सागर में ७६, बैतूल में ६८, राजगढ़ व विदिशा में ६७ - ६७, शहडोल में ६१बालाघाट में ६०, मुरैना में ५९, राजगढ़ व मंडला में ५८ - ५८ जबलपुर में ५७, होशंगाबाद में ५५, दमोह व नरसिंहपुर में ५३ - ५३,कटनी व खरगोन में ५० - ५० दतिया में ४९, टीकमगढ़ व खंडवा में ४६ - ४६ सीहोर में ४५, पन्ना में ४० सीधी में ३९, छतरपुर में ३८, अशोक नगर में ३७, झाबुआ में ३५, रतलाम व धार में ३२ - ३२, उमरिया में २९, सिंगरौली व बड़वानी में २६ - २६, डिडौरी में २२ अपराध पंजीबद्व किए गए। इसी तरह अनुपपूर में १९ नीमच में १६ बुराहनपुर में १५, देवास में १४, अलीराजपुर में १० मदंसौर में ३ और श्योपूर में २ अपराध पंजीबद्व हैं।