
ऋण पुस्तिका नहीं बल्कि ऋण अधिकार पुस्तिका मिलेगी
किसान चेतावनी रैली को सीएम ने महापंचायत में बदला
बिजली मामले में केंद्र का सौतेला व्यवहार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बारिश नहीं होने के कारण बिजली नहीं बन पा रही है और इसके साथ ही केन्द्र सरकार भी बिजली के मामले में प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। केन्द्र ने मप्र को कोयले के लिए विदेशों से आयात करने को कहा है।केन्द्र सरकार जान-बूझकर परेशान कर रही है। श्री चौहान ने कहा कि हम पांच साल में 7 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे और 24 घंटे बिजली दी जाएगी। अब खेती व घरेलू बिजली के लिए अलग-अलग फीडर लगाए जाएंगे।भोपाल। प्रदेश के हर गांव का अब मास्टर प्लान बनाया जाएगा जिससे किसानों को उनके मकान का मालिकाना हक मिल सकेगा। किसानों को मिलने वाली ऋण पुस्तिका की व्यवस्था समाप्त कर उन्हें किसान अधिकार पुस्तिका दी जाएगी। इसके साथ ही किसानों को उनकी उपज के सही दाम मिलेंगे।
यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित लाभकारी मूल्य किसान अधिकार चेतावनी रैली को संबोधित करते हुए किया। हालांकि भारतीय किसान संघ ने इसे किसान अधिकार चेतावनी रैली नाम दिया था लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे किसान महापंचायत कहकर अपनी घोषणाओं की झ़ड़ी लगा दी। रैली में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, राष्ट्रीय मंत्री प्रभाकर केलकर, प्रदेशाध्यक्ष दयाराम धाक़ड़, महामंत्री शिवकुमार शर्मा, कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई कितना भी ब़ड़ा हो, किसान के मान-सम्मान के साथ खिलवाड के लिए उसे बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश की एक-एक इंच जमीन में सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी।सिंचाई के लिए हर प्रयत्न किए जाएंगे।अधूरी सिंचाई योजनाएं पूरी करने और नई योजनाएं शुरू करने का काम किया जा रहा है।
तीन प्रतिशत ब्याज पर कर्ज
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष से किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज दिया जाएगा। इसके साथ ही किसी भी कीमत पर 1100 से कम में गेहूं नहीं बिकने दिया जाएगा। इस पर किसानों ने मुख्यमंत्री को रोकते हुए कीमत ब़ढ़ाए जाने की आवाज लगाई।
राजधानी के लाल परेड पर किसान सम्मेलन में हलधर बने मुख्यमंत्री। छायाः निर्मल व्यासह एमपी एग्रो के माध्यम से कृषि उपकरणों की खरीदी की बाध्यता समाप्त।
स्वतंत्र कृषि बजट के बारे में गंभीरता पूर्वक विचार किया जाएगा।
सभी विभागों में किसानों संबंधी जानकारी हिन्दी भाषा में ही प्रकाशित की जाएगी।
किसान दिवस पर किसानों को पुरस्कृत किया जाएगा।
नई गन्ना नीति बनाई जाएगी।
मण्डियों में आढत प्रथा समाप्त करने कृषि मंत्री को निर्देश।ह बिजली की दर प्रति हार्स पावर 500 रुपए की जाए।
खेती के लिए बिजली बिल भुगतान व्यवस्था वर्ष में दो बार की जाए।
बिजली के झूठे प्रकरण वापस लिए जाएं।
पचास हजार तक के कृषि ऋण माफ किए जाएं।
कृषि यंत्रों पर वेट कर की छूट मिले।
किसानों को अनुदान समय सीमा में दिया जाए।
जैविक खेती व पशु संवर्धन बोर्ड की स्थापना हो।
प्रदेश में और कृषि महाविद्यालय व विश्व विद्यालय खोले जाएं।
सीएम से उम्मीद तो है...
किसानों ने एक स्वर में कहा
केन्द्र से किसानों की मांग
कृषि उपजों के लागत के आधार पर
लाभकारी मूल्य दिया जाए।
किसानों के हित में नया भू-अर्जन कानून बनाया जाए।
औद्योगीकरण,शहरीकरण तथा विशेष
आर्थिक प्रक्षेत्र हेतु कृषि योग्य
भूमि अधिग्रहीत नहीं की जाए।
हकृषि क्षेत्र के लिए स्वतंत्र रूप से कृषि
बजट प्रस्तुत किया जाए।
देश, किसान व समाज हित के लिए
अहितकारी जीएम बीज का प्रयोग न किया जाए।
भारत-अमेरिका एक कृषि आधारित
बौद्धिक संपदा करार को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
चावल पर लगने वाले निर्यात शुल्क को
तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए। ङ"ख११ऋ
किसानों ने एक स्वर में कहा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही किसान रैली में किसानों के हितों में कई घोषणाएं कीं और खुद किसानों के बीच जाकर मिले व उनकी समस्याएं सुनकर ज्ञापन लिए इसके बाद भी किसानों में उत्साह की कमी नजर आई। पचास हजार से अधिक की संख्या में राजधानी पहुंचे किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री तो अच्छे हैं लेकिन उनकी घोषणाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। हमें मुख्यमंत्री से बहुत अपेक्षाएं हैं। साथ ही किसान संघ ने राज्य एवं केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपे।
गेहूं का भाव बढ़ना चाहिए
मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों के पचास हजार तक के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी लेकिन अब तक इस बारे में कुछ नहीं किया गया। - दुर्गाप्रसाद, श्योपुर
गेंहूं का भाव बढ़ना चाहिए।बनिया लूटपाट करते हैं, किसान कर्ज नहीं पटा पा रहा है। इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए। - रामेश्वर सागरे,सिलोदा खुर्द,धार
किसान को बिजली व पानी मिलना चाहिए।हमें अब तक सूखा राहत नहीं दी गई है लेकिन सरकार से पूरी उम्मीद है। - चैन सिंह, आष्टा
हम तो बैंक से परेशान हैं। बैंक के कर्मचारी ट्रैक्टर जब्त करने की धमकी देते हैं।हमारे यहां सूखा हो गया है और हम गरीब हैं ऐसे में कैसे बैंक का कर्जा पटाएं। - मोहन व्यास, कन्नौद, देवास
बिजली का बिल सात हजार रुपए आया है लेकिन बिजली मिली ही नहीं।कर्ज लेकर बिजली बिल तो जमा कर दिया लेकिन कोई बिजली बिल माफ नहीं किया गया। - सुरेन्द्र सिंह,करमनखेडी, आष्टा
बीज दोगुने भाव में मिलता है। हमारी मांग है कि कपास का बीज सोसायटी के माध्यम से मिलना चाहिए। - श्रवण ठाकुर, कसरावद, खरगोन
हमारे गांव में न बिजली और न ही पानी की कोई व्यवस्था है। कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। - रामकिशन, बांसिया, भोपाल
मैं तो रैली में मुख्यमंत्री को देखने आया हूं,मेरी कोई समस्या नहीं है। - प्रसाद,बैढन, सीधीकेन्द्र से किसानों की मांग
हकृषि उपजों के लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाए।
हकिसानों के हित में नया भू-अर्जन कानून बनाया जाए।
हऔद्योगीकरण,शहरीकरण तथा विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र हेतु कृषि योग्य भूमि अधिग्रहीत नहीं की जाए।
हकृषि क्षेत्र के लिए स्वतंत्र रूप से कृषि बजट प्रस्तुत किया जाए।
हदेश, किसान व समाज हित के लिए अहितकारी जीएम बीज का प्रयोग न किया जाए।
हभारत-अमेरिका एक कृषि आधारित बौद्धिक संपदा करार को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
हचावल पर लगने वाले निर्यात शुल्क को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।
1 Comments
कोबरा जी पोस्ट प्रकाशित करने से पहले कम से कम एक बार पढकर तो देख लेते आप । ना तो कुछ समझ आया और गल्तियों के अंबार ने सिर धुनने के सिवाय कुछ नहीं करने दिया ।
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