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मेरे भाई कुछ तो शर्म करो

जबलपुर में महाकौशल प्रेस क्लब के दफ्तर में ११ जून को पुलिस ने छापा मारकर जुआ खेलते हुए पत्रकारों को पकडा.उनके पास से तीन लाख रूपये नगद, लगभग ४० मोबाइल और दुसरा आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ दिलचस्प ये है कि प्रेस क्लब के मेनेजर के पास एक डायरी भी मिली जिसमे लाखों रुपयों कि उधारी का हिसाब था ये उधारी हार जाने वाला पत्रकार लेता था पुलिस ने ३० लोगों को गिरफ्तार किया है और पहले क्लब के संचालक मंडल के खिलाफ भी मामला बना रही थी बाद में "कर्मठ मीडिया वालों" के अनुरोध पर सिर्फ कर्मचारियों पर ही मामला बनाया जबलपुर के प्रेस क्लब में कई नामचीन संपादक और पत्रकारों कि भागीदारी है जो समाज को नैतिकता का पाठ पढाते हैं, उन्ही के घर में जब अनैतिक काम पकडाया तो पुलिस के हाथ-पैर जोड़ कर किसी तरह खुद को बचाया पुलिस ने प्रेस क्लब को सील कर दिया है नेपियर टाऊन जहां ये प्रेस क्लब है, वहां के लोग बताते हैं कि रोज़ रात को यहाँ शहर के कई बड़े पत्रकार बैठ कर शराबखोरी करते थे और जमकर हंगामा करते थे चूँकि मामला पत्रकारों से जुडा था लिहाजा शिकायत के बाद भी कोई करवाई होने का सवाल ही नहीं था भला हो उन प्रोबेज्नरी आई पी एस अधिकारियों का, जिन्होंने साहस दिखाया और समाज के सामने ये सन्देश देने कि कोशिश की जुहारियों और शराबियों की न कोई जात होती है और न ही वे कानून से ऊपर हैं अब चेहरा छिपाते घूम रही पत्रकार कोम कह रही है कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है जबलपुर के कुछ अखबारों ने साहस दिखा कर ये खबर प्रकशित कि और अपने ही भाई बंधुओं को आइना दिखाया लानत है ऐसे लोगों पर जो दलाली, जुआ, शराब और अवैध वसूली करने के बावजूद खुद को पत्रकार कहते घूमते हैं ये होना जरुरी था ताकि पत्रकारिता का बेजा इस्तेमाल करने वाले पर नकेल तो रहे

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4 Comments

  1. कोबरा जी अखबारों ने ही यह खबर छापी थी पर पकडे गए लोगो में कोई पत्रकार नहीं था . प्रेस क्लब में रात्री में असमाजिक तत्वों का जमावडा रहता है वो पकडे गए है .

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  2. पत्रकारों के भी क़ृष्ण पक्ष होते हैं. वे भी तो इंसान हैं.:)

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  3. चलिए, आपने तो छाप दिया.

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